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राउल्ट का नियम क्या है – rault ka niyam:
राउल्ट नियम के अनुसार वाष्पशील द्रवों के विलयन में प्रत्येक अवयव का आंशिक दाब विलयन में उसके मोल अंश के समानुपाती होता है।
मान लिया कि एक बंद पात्र में द्रव 1 और 2 का एक द्विअंगी (बाइनरी) विलयन है।
मान लिया कि द्रव 1 का आंशिक दाब =p1 तथा द्रव 2 का आंशिक दाब =p2 है।
मान लिया लिये गये विलयन का का साम्य अवस्था में कुल वाष्प दाब =pt है।
तथा विलयन के दोनों अवयवों का मोल अंश क्रमश: x2 तथा x2 हैं।
अत: राउल्ट के नियम के अनुसार,
विलयन के अवयव 1 के लिए p1∝x1
⇒p1=p1ox1 – – – – – (i)
उसी प्रकार, विलयन के अवयव 2 के लिए
p2∝x2
⇒p2=p2ox2 – – – – – (ii)
जहाँ p1 और p2 विलयन 1 तथा 2 के शुद्ध अवयवों का क्रमश: आंशिक वाष्प दाब है।
अब, डाल्टन के आंशिक दाब के नियम के अनुसार पात्र में विलयन अवस्था का कुल दाब (pt) विलयनों के अवयवों के आंशिक दाब के जोड़ के बराबर होता है।
अर्थात,
अत: समीकरण (1) तथा समीकरण (2) से
pt=p1ox1+p2ox2
[∵ x1+x2=1, ∴ x1=1-x2]
∴Pt=(1-x2)p1o+x2p2o
⇒pt=p1o–p1ox2 + x_2 p_2^o`
⇒pt=p1o–x2(p1o–p2o)
⇒pt=p1o+(p2o+P1o)x2 – – – – (iii)
उसी प्रकार, ∵ x2=1–x1
अत: pt=p2o+(p1o+p2o)x1 – – – – (iv)
अत: समीकरण (iii) तथा (iv) से कहा जा सकता है कि
(i) किसी विलयन के कुल वाष्प दाब को उसके किसी अवयव के मोल अंश से संबंधित किया जा सकता है।
(ii) किसी विलयन का कुल वाष्प दाब अवयव 2 के मोल अंश के साथ रेखीय रूप से परिवर्तित होता है।
(iii) शुद्ध अवयव 1 एवं 2 के वाष्प दाब पर निर्भर रहते हुए विलयन का कुल वाष्प दाब अवयव 1 के मोल अंश के बढ़ने से कमा या ज्यादा होता है।
किसी विलयन के लिए आंशिक दाब p1 या p2 का x1 तथा x2 के विरूद्ध आलेख (ग्राफ):
किसी विलयन के लिए आंशिक दाब p1 या p2 का x1 तथा x2 के विरूद्ध आलेख (ग्राफ) रेखीय (सरल रेखा) होता है।
जब x1 का मान 1 होता है तो रेखा I बिन्दुअ p1o से होकर गुजरती है।
जब x2 का मान 1 होता है तो रेखा II बिन्दुअ p2o से होकर गुजरती है।
उसी प्रकार pt का x2 के विरूद्ध खींचा गया ग्राफ रेखा III भी रेखीय अर्थात एक सरल रेखा होता है।
pt का न्यूनतम मान p1o तथा अधिकत मान p2o है। यहाँ पर विलयन के अवयव 1 अवयव 2 की तुलना में कम वाष्पशेल है। अर्थात,