Apchayan Abhikriya:अपचयन अभिक्रिया किसे कहते हैं? परीक्षा के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण टॉपिक है. अक्सर इस विषय से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते है. अतः परीक्षार्थियों को अपचयन अभिक्रिया से जुड़े सभी सम्बंधित प्रश्नों का भलीभांति तैयार कर लेना चाहिए.
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Apchayan Abhikriya
जब किसी अभिक्रिया में किसी पदार्थ में ऑक्सीजन का हरास या हाइड्रोजन का योग होता है उसे अपचयन या अवकरण अभिक्रिया कहते हैं।
उदाहरण- CUO+H2 → CU+H2O
जब पदार्थ विद्युत धनात्मक तत्व अथवा हाइड्रोजन से संयोग करता है तो इसे अपचयन (reduction in Hindi) कहते हैं।
अथवा “ पदार्थों द्वारा एक या अधिक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने के प्रक्रम को अपचयन कहते हैं। ”
अपचयन के उदाहरण
(1) CuO का अपचयन
(2) ZnO का अपचयन
जब कोई पदार्थ किसी विद्युत ऋणात्मक तत्व अथवा ऑक्सीजन का त्याग करता है तो इसे अपचयन कहते हैं।
ऑक्सीकरण तथा अपचयन में अंतर
- ऑक्सीकरण में ऑक्सीजन का संयोग होता है जबकि अपचयन में ऑक्सीजन का त्याग होता है।
- ऑक्सीकरण में हाइड्रोजन का त्याग होता है जबकि अपचयन में हाइड्रोजन का संयोग होता है।
- ऑक्सीकरण में विद्युत धनात्मक तत्वों का अनुपात घटता है जबकि अपचयन में विद्युत धनात्मक तत्वों का अनुपात बढ़ता है।
- ऑक्सीकरण में इलेक्ट्रॉन अलग होते हैं जबकि अपचयन में इलेक्ट्रॉन ग्रहण होते हैं।
- अभिक्रिया की कोटि किसे कहते है? – Abhikriya Ki Koti
- आधुनिक आवर्त नियम क्या है? – Adhunik Avart Niyam Kya Hai
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