Gati Ka Dusra Niyam:गति का दूसरा नियम परीक्षा के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण टॉपिक है. अक्सर गति का दूसरा नियम से सम्बंधित प्रश्न जैसे कि गति का दूसरा नियम के प्रकार आदि प्रैक्टिकल परीक्षा के दौरान प्रश्न पूछे जाते है. अतः परीक्षार्थियों को गति का दूसरा नियम से जुड़े सभी सम्बंधित प्रश्नों का भलीभांति तैयार कर लेना चाहिए.
Gati Ka Dusra Niyam
गति का द्वितीय नियम (संवेग का नियम)
गति के द्वितीय नियम के अनुसार, किसी वस्तु के रेखीय संवेग में परिवर्तन की दर उस वस्तु पर लगाए गए बाह्य बल के अनुक्रमानुपाती होती है एवं संवेग परिवर्तन वस्तु पर लगाए गए बल की दिशा में ही होता है इसे गति का द्वितीय नियम कहते हैं एवं इस नियम को संवेग का नियम भी कहते हैं।
किसी वस्तु के संवेग परिवर्तन की दर लगाए गए बल के समानुपाती होती है यह newton के गति का दूसरा नियम है
संवेग यानी Momentum P=mv
F=ma
गति का दूसरा नियम दूसरे शब्दों में किसी Object पर लगाया गया बल उस वस्तु के द्रव्यमान और उसमे उत्पन्न त्वरण के गुणनफल के समानुपाती होती है यदि किसी बस्तु object पर लगाया Force बल F है और उस बस्तु का द्रव्यमान mass m है तथा उत्पन्न त्वरण a है तब इसका सूत्र-
बल=द्रव्यमान×त्वरण
F∝ma
F=k×ma
k एक constant है जिसका मान 1 है तब
F=ma
यह बल है जिसका मात्रक newton है
उदाहरण
(1) क्रिकेट खेल में खिलाड़ी तेजी से आती गेंद को कैच करते समय अपने हाथों को पीछे की ओर कर लेता है इससे गेंद का वेग कम हो जाता है और खिलाड़ी को कोई चोट नहीं लगती है।
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