Mool Matrak:मूल मात्रक किसे कहते हैं? परीक्षा के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण टॉपिक है. अक्सर इस विषय से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते है. अतः परीक्षार्थियों को मात्रक से सम्बंधित प्रश्नों का भलीभांति तैयार कर लेना चाहिए।
Table of Contents
Mool Matrak
“भौतिक राशि के मापन के लिए नियत किये गए मान को मूल मात्रक कहते है।”
किसी वस्तु या पिण्ड के मानक मापन की इकाई को मात्रक कहाँ हैं।
मूल मात्रक, मात्रकों में वे मात्रक हैं जो अन्य मात्रकों से स्वतंत्र होते हैं अर्थात उनको एक-दूसरे से अथवा आपस में बदला नहीं जा सकता हैं।
उदाहरण: लम्बाई, समय और द्रव्यमान के लिए क्रमशः मीटर, सेकण्ड और किलोग्राम का प्रयोग किया जाता हैं।
मूल मात्रक क्या होते है?
मूल मात्रक मात्रकों में वे मात्रक हैं, जो अन्य मात्रकों से स्वतंत्र होते हैं, अर्थात् उनको एक–दूसरे से अथवा आपस में बदला नहीं जा सकता है। उदाहरण के लिए लम्बाई, समय और द्रव्यमान के लिए क्रमश: मीटर, सेकेण्ड और किलोग्राम का प्रयोग किया जाता है।
SI पद्धति में मूल मात्रक राशि मात्रक संकेत
लम्बाई (दूरी) – मीटर m
द्रव्यमान – किग्रा. kg
समय – सेकेण्ड s
ताप – कैल्विन k
विद्युत धारा – ऐम्पियर a
ज्योति तीव्रता – कैण्डला Cd
पदार्थ की मात्रा – मोल mol
पूरक मूल मात्र
तलीय कोण – रेडियन Rd
घन कोण – स्टेरेडियन Srd
माप तौल की कुछ अन्य पद्धतियाँ
माप तौल की कुछ अन्य पद्धतियाँ निम्नवत् हैं—
एम. के. एस. पद्धति- इस पद्धति में लम्बाई (दूरी) का मात्रक मीटर, द्रव्यमान के मात्रक किग्रा व समय का मात्रक सेकेण्ड होता है।
सी. जी. एस. पद्धति- इस पद्धति में लम्बाई (दूरी) का मात्रक सेंटीमीटर, द्रव्यमान का मात्रक ग्राम व समय का मात्रक सेकेण्ड होता है।
एफ. पी. एस. पद्धति- इस पद्धति में लम्बाई (दूरी) का मात्रक फुट, द्रव्यमान का मात्रक पाउण्ड व समय का मात्रक सेकेण्ड होता है। इसे ब्रिटिश पद्धति भी कहते हैं।
आर्टिकल में आपने Mool Matrak पढ़ा हमे उम्मीद है कि ऊपर दी गयी जानकारी आपको आवश्य पसंद आई होगी। इसी तरह की जानकारी अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करे ।