Paskal Ka Niyam:पास्कल का नियम परीक्षा के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण टॉपिक है. अक्सर पास्कल के नियम से सम्बंधित प्रश्न जैसे कि पास्कल के नियम के सीमाएं, उपयोग आदि प्रैक्टिकल परीक्षा के दौरान प्रश्न पूछे जाते है. अतः परीक्षार्थियों को पास्कल के नियम से जुड़े सभी सम्बंधित प्रश्नों का भलीभांति तैयार कर लेना चाहिए.
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Paskal Ka Niyam
सन् १६४६ में पास्कल ने यही प्रयोग किया था। पास्कल का सिद्धान्त या पास्कल का नियम द्रवस्थैतिकी में दाब से सम्बन्धित एक महत्वपूर्ण सिद्धान्त है। इसे फ्रांसीसी गणितज्ञ ब्लेज पास्कल ने प्रतिपादित किया था।
पास्कल का सिद्धान्त या पास्कल का नियम द्रवस्थैतिकी (पदाथों की स्थिर अवस्था का विज्ञान) दाब से सम्बन्धित एक महत्वपूर्ण सिद्धान्त है। इस नियम को फ्रांस वैज्ञानिक ब्लेस पास्कल ने प्रतिपादित किया था
यह सिदान्त द्रव और गैस दोनों पर है ।
पास्कल के नियम का प्रथम कथन
यदि गुरुत्वीय प्रभाव को नगण्य माना जाए तो संतुलन की अवस्था में द्रव के भीतर प्रत्येक बिंदु पर दबाव समान होता है l
पास्कल के नियम का द्वितीय कथन
किसी बर्तन में बंद द्रव के किसी भाग पर आरोपित बल, द्रव द्वारा सभी दिशाओं में समान परिमाण में संचरित कर दिया जाता है l
पास्कल के नियम पर आधारित कुछ यंत्र हैं:
- हाइड्रोलिक लिफ्ट, हाइड्रोलिक प्रेस, हाइड्रोलिक ब्रेक आदि
द्रव का दाब उस पात्र के आकार या आकृती पर निर्भर नहीं करता जिसमें द्रव रखा जाता है l
पास्कल ने यह भी बताया “किसी स्थिर अवस्था में तरल के किसी बिंदु पर लगाया गया दाब का मान सभी दिशाओं में समान होता है
उदाहरण
पास्कल के नियम के अनुसार एक हाइड्रोलिक सिस्टम में किसी एक पिस्टन पर लगाया गया दाब , इस दाब के कारण प्रथम पिस्टन में जितना परिवर्तन या बढ़ता है उतना ही परिवर्तन इस दाब के कारण दुसरे पिस्टन में देखने को मिलता है। अर्थात जब एक पिस्टन पर दाब लगाया जाता है तो यह दोनों पिस्टन में समान रूप से परिवर्तन करता है बशर्ते दोनों पिस्टन का क्षेत्रफल समान होना चाहिए।
यदि दुसरे पिस्टन का क्षेत्रफल पहले पिस्टन की तुलना में 5 गुना अधिक हो तो उसी दाब के कारण इस 5 गुना अधिक क्षेत्रफल वाले पिस्टन पर , प्रथम पिस्टन की तुलना में लगने वाला बल 5 गुना अधिक होता है।
इसी सिद्धांत पर तो हाइड्रोलिक सिस्टम कार्य करते है।
अधिकांश बसों एवं ट्रकों में हाइड्रालिक ब्रेक में बल के प्रवर्धन के लिये इसी सिद्धान्त का उपयोग होता है l
जल टंकी जितनी अधिक ऊंचाई पर होगी पानी कि धार उतनी ही तेज होगी l
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